Monday, November 24, 2008

तोल मोल के बोल

दूर देस से आया एक परवाना
जलने के लिए तैयार एक नि:शब्द
पर कमबख्त एक तूफां आया
शमा के दीदार से पहले ही उसे बुझा गया
किसे इल्म इस बात का कि क्या दोष था उसका
पर खुदा ही जानता है कि ये कैसी सज़ा मिली उस आशिक को
चाहता था जलना शमा का साथ पाकर
पर फँसकर एक बवंडर में खो गया कहीं दूर
जहाँ बचा भी नही उसका अस्तित्व.....