दूर देस से आया एक परवाना
जलने के लिए तैयार एक नि:शब्द
पर कमबख्त एक तूफां आया
शमा के दीदार से पहले ही उसे बुझा गया
किसे इल्म इस बात का कि क्या दोष था उसका
पर खुदा ही जानता है कि ये कैसी सज़ा मिली उस आशिक को
चाहता था जलना शमा का साथ पाकर
पर फँसकर एक बवंडर में खो गया कहीं दूर
जहाँ बचा भी नही उसका अस्तित्व.....
Monday, November 24, 2008
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