दूर देस से आया एक परवाना
जलने के लिए तैयार एक नि:शब्द
पर कमबख्त एक तूफां आया
शमा के दीदार से पहले ही उसे बुझा गया
किसे इल्म इस बात का कि क्या दोष था उसका
पर खुदा ही जानता है कि ये कैसी सज़ा मिली उस आशिक को
चाहता था जलना शमा का साथ पाकर
पर फँसकर एक बवंडर में खो गया कहीं दूर
जहाँ बचा भी नही उसका अस्तित्व.....
Monday, November 24, 2008
Friday, April 18, 2008
तोल मोल के बोल
ज़माना कहता है संतुष्ट मत रहो हमेशा आगे देखो, दिल कहता है जो मिला उसमे खुश रहो ।
दिल की सुनूँ तो पीछे रह जाने का डर, दिमाग की सुनूँ तो कहीं खो जाने का अंदेशा ।
दिल और दिमाग साथ चलते भी नहीं, कि मुझे कोई एक राह मिले चलने को ।
यहां तो बन्दा एक पर राहें अनेक, किस पथ पे जाऊं ये है असमंजस ।
दे ईश्वर वो तीव्रगाम, छेडूँ विजय का महासंग्राम।
दिल की सुनूँ तो पीछे रह जाने का डर, दिमाग की सुनूँ तो कहीं खो जाने का अंदेशा ।
दिल और दिमाग साथ चलते भी नहीं, कि मुझे कोई एक राह मिले चलने को ।
यहां तो बन्दा एक पर राहें अनेक, किस पथ पे जाऊं ये है असमंजस ।
दे ईश्वर वो तीव्रगाम, छेडूँ विजय का महासंग्राम।
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